भारतीय संविधान का निर्माण (संविधान सभा और संविधान के स्रोत)
भारतीय सविंधान का निर्माण - महत्वपूर्ण बिंदु
- MN Roy ने सन् 1934 में भारत के लिए एक स्वतंत्र सविंधान सभा गठित करने का विचार प्रस्तावित किया ।
- कैबिनेट मिशन योजना (1946) द्वारा दिये गए दिशानिर्देशों के अनुसार संविधान सभा का गठन किया गया। इस मिशन का नेतृत्व पेठिक लॉरेंस ने किया था तथा उनके अलावा दो अन्य सदस्य स्टैफोर्ड क्रिप्स और ए.वी अलेक्जेंडर भी इसमें मिल थे ।
- संविधान सभा में कुल सदस्यों की संख्या 389 थी। हालांकि, विभाजन के बाद केवल 299 सदस्य ही बाकी रहे। संविधान सभा आंशिक रूप से चुना गया और आंशिक रूप से नामांकित निकाय थी।
- जुलाई-अगस्त 1946 में संविधान सभा बनाने के लिए चुनाव हुए और नवंबर 1946 तक यह प्रक्रिया पूर्ण हो गया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई और जिसमे कुल 211 सदस्य उपस्थित थे।
- तथा डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
- 11 दिसंबर, 1946 को डॉ राजेन्द्र प्रसाद और HC मुखर्जी को क्रमशः संविधान सभा का राष्ट्रपति और उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया।
- सर BN राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया।
- 13 दिसंबर, 1946 को पं. जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव पारित किया, जो बाद में थोड़ा संशोधित होकर संविधान की प्रस्तावना बन गया। यह प्रस्ताव 22 जनवरी, 1947 को सर्वसम्मति से अपना लिया गया।
- संविधान सभा ने मई, 1949 में भारत की राष्ट्रमंडल (UN) मे अपनी सदस्यता की पुष्टि की। साथ ही, 24 जनवरी 1950 को राष्ट्र गीत और राष्ट्र गान को स्वीकार कर लिया गया। 22 जुलाई, 1947 को तिरंगे को राष्टृ ध्वज के रूप मेंअपनाया गया।
- संविधान सभा की बैठक कुल 11 सत्रों के लिए हुई, संविधान का अंतिम प्रारूप तैयार करने के लिए संविधान सभा को 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा, कुल 141 दिन बैठक हुई और 114 दिन के लिए प्रारूप संविधान पर विचार किया गया। संविधान निर्माण में कुल राशि 64 लाख रुपए खर्च की गयी।
- संविधान सभा में महिला सदस्यो की संख्या 15 थी जो विभाजन के बाद 9 रह गयी।
- संविधान सभा की कुछ महत्वपूर्ण समितियां अपने संबंधित अध्यक्षों के साथ इस प्रकार हैं:
- केंद्रीय शक्ति समिति:- पं. जवाहर लाल नेहरू
- संघीय संविधान समिति:- पं. जवाहर लाल नेहरू
- प्रांतीय संविधान समिति:- सरदार वल्लभ भाई पटेल
- प्रारूप समिति:- डॉ बी आर अंबेडकर
- प्रकिर्या नियम समीति:- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
- संचालन समिति- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
- प्रारूप समिति के सदस्य निम्नलिखित थे
- डॉ. बी आर अंबेडकर (अध्यक्ष)
- आलदी कृष्णस्वामी अय्यर
- डॉ. के एम मुंशी
- एन गोपालस्वामी अय्यंगार
- सैयद मोहम्मद सादुल्ला
- एन माधव राऊ
- टीटी कृष्णमाचारी
- संविधान का अंतिम प्रारूप 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था और इसमें कुल 8 अनुसूचीयां, 22 भाग और 395 अनुच्छेद शामिल हैं।
भारतीय संविधान के विभिन्न स्रोत
- भारत सरकार अधिनियम (1935) - संघीय ढाँचा, राज्यपाल का पद, न्यायपालिका, लोक सेवा आयोग, आपातकालीन प्रावधान और प्रशासनिक विवरण।
- ब्रिटिश संविधान - संसदीय प्रणाली, विधि का शासन, विधायी प्रक्रिया, एकल नागरिकता, मंत्रिमंडल विशेषाधिकार, संसदीय विशेषाधिकार और द्विसदनीयता
- अमेरिकी संविधान - मौलिक अधिकार, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, न्यायिक समीक्षा, राष्ट्रपति पर महाभियोग, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया और उपराष्ट्रपति का पद।
- आयरिश संविधान - राज्य के नीति निर्देशक तत्व, राज्य सभा में सदस्यों के मनोनयन और राष्ट्रपति के चुनाव की विधि।
- कनाडाई संविधान - संघीय प्रणाली, केंद्र की अवशिष्ट शक्तियां , केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति, और सुप्रीम कोर्ट की सलाहकार क्षेत्राधिकार।
- ऑस्ट्रेलियाई संविधान - संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान, समवर्ती सूची, व्यापार व वाणिज्य की स्वतंत्रता।
- जर्मनी का संविधान - आपातकाल के दौरान कुछ मौलिक अधिकारों का निलंबन।
- सोवियत संघ का संविधान (यूएसएसआर, अब रूस) - प्रस्तावना में मौलिक कर्तव्यों और (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के आदर्श)
- फ्रांसीसी संविधान - गणतंत्र और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के आदर्श।
- दक्षिण अफ्रीकी संविधान - संविधान संशोधन की प्रक्रिया और राज्य सभा के सदस्यों के चुनाव की प्रणाली।
- जापानी संविधान - विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
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