समतल में गति नोट्स भौतिक विज्ञान Motion in a Plane Notes in Hindi pdf Physics Class 11 NCERT

 समतल में गति नोट्स भौतिक विज्ञान Motion in a Plane Notes in Hindi Pdf Physics Class 11 NCERT


समतल में गति नोट्स भौतिक विज्ञान Motion in a Plane Notes in Hindi pdf Physics Class 11 NCERT


पिछले chapter में हमने एकविमीय गति यानी सरल रेखा में गति के बारे में पढ़ा था तथा अब हम इस Chapter में द्विविमीय गति यानी एक समतल में गति को detail में पढ़ेंगे। द्विविमिय गति के उदाहरणों की अगर हम बात करे तो , शहर में कार की गति, प्रेक्षय गति, वृताकार पथ में गति आदि इसी के उदाहरण है। 

सरल रेखा में गति का अध्ययन करते समय हमे भौतिक राशियों को सदिश रूप में लिखने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि एकविमीय गति में सिर्फ दो ही दिशाएं होती है एक धनात्मक और दूसरी ऋणात्मक। तथा इन्हें दर्शाने के लिए हम क्रमश + एवम - चिन्ह का प्रयोग करते है। लेकिन द्विविमीय गति में ऐसा नहीं है इसमें भौतिक राशियों की दिशा, निर्देशांकों के बदलने के साथ साथ लगातार बदलती है भले ही उनका परिमाण समान हो। इसलिए हमे गणनाएं करने के लिए इन राशियों को सदिश रूप में लिखना ही पड़ता है। तथा ये सारी गणनाएं सदिश योग एवम गुणन के नियमों का पालन करती है जो की सामान्य बीजगणितीय गणनाओ से भिन्न होती है। इसी लिए समतल में गति का अध्ययन करने से पहले हमें सदिशो को पूरी तरह समझना आवश्यक है।


अदिश एवं सदिश 


अदिश राशियां:

         वे भौतिक राशियां जिनका केवल परिमाण एवम् मात्रक होता है दिशा नही, आदिश राशियां कहलाती है।
जैसे: कार्य, दूरी, चाल, शक्ति, द्रव्यमान, लंबाई इत्यादि।
इन्हे सामान्य बीजगणितीय विधि द्वारा जोड़ा या घटाया जा सकता है।

सदिश राशियां:

         वे भौतिक राशियां जिनका परिमाण एवम् मात्रक के साथ साथ दिशा भी होती है , सदिश राशियां कहलाती है।
जैसे: विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग आदि।
सदिश राशियों को उनके प्रतीक चिन्ह के ऊपर तीर के निशान के द्वारा दर्शाया जाता है| जैसे वेग सदिश को निरूपित करने के लिए हम  का प्रयोग करते है या फिर गहरे चिन्ह का प्रयोग करते है जैसे v | हम यहाँ पर सदिश को व्यक्त करने के लिए गहरे चिन्ह एवं उसके परिमाण के लिए सामान्य चिन्ह का प्रयोग करेंगे ताकि Article लिखने में आसानी हो |  सदिशों का केवल परिमाण दर्शाने के लिए हम मापांक का प्रयोग करते है | 
अर्थात |  | = v , जहाँ  v  वेग सदिश  का परिमाण है | 


स्थिति एवं विस्थापन सदिश :

        किसी समतल में गतिमान वस्तु की स्थिति को व्यक्त करने के लिए हम स्थिति सदिश का प्रयोग करते है| इसके लिए हम बिंदु O  को मूलबिंदु मानते है तथा अब माना कि  उस वस्तु  की समय t  पर स्थिति P  तथा समय t' पर स्थिति P' है | अर्थात वह वस्तु बिंदु P  से P' तक गति करता है और जब वह बिंदु P  पर  होता है तब रेखा OP, वस्तु का समय t  पर स्थिति सदिश कहलाता है जिसकी दिशा किरण OP की दिशा  के अनुदिश होगी  | ठीक इसी प्रकार समय t' पर वस्तु  का स्थिति सदिश OP' होगा  तथा इसकी दिशा किरण OP' की दिशा के अनुदिश होगी | 
    अब चूँकि वस्तु बिंदु P  से P' तक गति करती है अतः  PP' वस्तु  का विस्थापन सदिश कहलाता है | 

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वस्तु का विस्थापन सदिश वस्तु की प्रारंभिक स्थिति को अंतिम स्थिति से जोड़ता है तथा इसका वस्तु  के गति करने के पथ पर निर्भर नहीं करता है | जैसा की चित्र b  में दिखाया गया है वस्तु  का विस्थापन सदिश PQ  है लेकिन इसका परिमाण इसके द्वारा चली गयी दूरी के समान नहीं है क्यूंकि दूरी हमेशा पथ पर निर्भर करती है विस्थापन नहीं | 





        
To be continued......


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RJ: If you have any doubt or any query please let me know.

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